अगेती हरी मटर से 60 दिन में 3 लाख तक कमाएं! सही समय और आसान टिप्स – अभी जानें!

अगेती हरी मटर से 60 दिन में 3 लाख तक कमाएं! सही समय और आसान टिप्स – अभी जानें!

फसल संरक्षण टिप्स सब्ज़ी की खेती

नमस्कार यूपी के किसान भाइयों! अगर आप खेती से तगड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए एक ऐसी फसल की बात लेकर आए हैं, जो सही समय और देखभाल से आपको लाखों की कमाई दे सकती है। जी हां, बात हो रही है अगेती हरी मटर की!

अगर आप इसे सही समय पर बोते हैं, अच्छे बीज चुनते हैं, और सही तरीके से मैनेज करते हैं, तो 55-60 दिन में आपकी फसल मंडी में पहुंचेगी और 1 से 3 लाख रुपये प्रति एकड़ तक कमा सकते हैं। लेकिन, सावधान! कई किसान जल्दबाजी में बुवाई तो कर लेते हैं, पर गलत तरीकों की वजह से नुकसान उठाते हैं। चिंता न करें, हम आपको इस लेख में अगेती मटर की बुवाई का सही समय, खेत की तैयारी, बीज उपचार, सिंचाई, और बीमारियों से बचाव के आसान टिप्स बताएंगे। तो चलिए, गाँव की बोली में इसे समझते हैं, जैसे घर में बैठकर गपशप कर रहे हों!

अगेती हरी मटर क्यों है खास?

किसान भाइयों, अगेती मटर वो फसल है, जो जल्दी तैयार होकर मंडी में अच्छा भाव लाती है। अगर आप इसे सही समय पर बोते हैं और देखभाल करते हैं, तो ये फसल निश्चित तौर पर मोटा मुनाफा देगी। लेकिन इसके लिए सही समय, अच्छा बीज, और खेत की तैयारी बहुत जरूरी है। यूपी के मैदानी इलाकों में ये फसल खासकर सितंबर-अक्टूबर में बोई जाती है, ताकि ठंड शुरू होने से पहले फसल तैयार हो जाए।

अगेती मटर की बुवाई का सही समय

यूपी में अगेती मटर की बुवाई का सबसे अच्छा समय है 20 सितंबर से 10 अक्टूबर तक। इस दौरान तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। अगर बारिश के बाद मौसम खुला हो और तापमान स्थिर हो, तो ये समय बिल्कुल मुफीद है।

अगेती मटर की बुवाई का सही समय
  • ध्यान दें: अगर आप यूपी के गर्म इलाकों में हैं, तो तापमान को चेक करें। बारिश के बाद तापमान कम हो सकता है, लेकिन लगातार 2-4 दिन 28-30 डिग्री हो, तभी बुवाई करें।
  • पहाड़ी इलाकों में: हिमाचल या उत्तराखंड जैसे ठंडे क्षेत्रों में अगस्त से बुवाई शुरू हो जाती है, लेकिन यूपी के लिए सितंबर-अक्टूबर बेस्ट है।

खेत की तैयारी कैसे करें?

अगेती मटर की फसल के लिए खेत की तैयारी बहुत जरूरी है। ये रहा स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:

1.जुताई: अगर खेत में पहले कोई फसल थी, तो पुराने अवशेष (घास-फूस) को अच्छे से मिट्टी में मिलाएं। रोटावेटर से 2-3 बार जुताई करें। अगर खेत पहले से खाली है, तो एक बार गहरी जुताई करें।

2.नमी: खेत में नमी होनी चाहिए। अगर बारिश नहीं हुई, तो पलेवा करें (खेत में पानी छोड़कर भुरभुरी मिट्टी बनाएं)। पलेवा के बाद 5-7 दिन खेत को छोड़ दें, ताकि खरपतवार और अवशेष सड़ जाएं।

3.खाद:

  • देसी गोबर खाद: 3-5 ट्रॉली प्रति एकड़ (सड़ा-गला होना चाहिए)।
  • वर्मी कंपोस्ट: अगर गोबर खाद नहीं है, तो 8-10 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट डालें।
  • खाद डालने के बाद रोटावेटर से मिट्टी में मिलाएं।

4. रासायनिक उर्वरक (बेसल डोज):

  • डीएपी: 1 बैग (50 किलो) प्रति एकड़। अगर डीएपी न मिले, तो ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (TSP) 1 बैग या सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) 2 बैग (100 किलो)।
  • पोटाश (MOP): 30-35 किलो प्रति एकड़।
  • यूरिया: 20 किलो प्रति एकड़।
  • सल्फर (80%): 3 किलो प्रति एकड़ (फंगस से बचाव के लिए)।
  • कीट नियंत्रण: अगर खेत में दीमक या नेमाटोड की समस्या है, तो रीजेंट अल्ट्रा (3 किलो) या कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड (5 किलो) प्रति एकड़ डालें।

5. अंतिम जुताई: खाद और उर्वरक डालने के बाद रोटावेटर और कल्टीवेटर से खेत को समतल करें।

बीज का चयन और उपचार

अच्छा बीज अच्छी फसल की नींव है। यूपी में ये वैरायटी सबसे ज्यादा चलती हैं:

  • UPL एडवांटा GS-10: सबसे लोकप्रिय, 50% किसान इसे चुनते हैं।
  • AP-3, आजाद-3, अरकिल: ये भी अच्छी वैरायटी हैं।
  • स्थानीय वैरायटी: अगर आपके इलाके में कोई वैरायटी अच्छा परिणाम दे रही हो, तो उसे चुनें।

बीज की मात्रा

  • 40-45 किलो प्रति एकड़: दोमट या रेतीली मिट्टी के लिए काफी है।
  • 70 किलो तक: सख्त मिट्टी में, जहां जर्मिनेशन कम हो सकता है।

बीज उपचार

उखड़ा रोग (विल्ट) से बचाव के लिए बीज उपचार जरूरी है:

  • UPL स्वाल कास्केड: 3-4 ml प्रति किलो बीज। इसमें एजोस्ट्रोबिन, थियामेथोक्सम, और थायफेनेट मिथाइल का कॉम्बिनेशन है, जो कीट और फंगस दोनों से बचाता है।
  • वैकल्पिक: कार्बेंडाजिम + मैनकोजेब (साफ पाउडर) या थायफेनेट मिथाइल।
  • उपचार के बाद बीज को छांव में सुखाएं, फिर बुवाई करें।

अगेती हरी मटर बुवाई का सही तरीका

यूपी में अगेती मटर की बुवाई के लिए ये तरीके हैं:

अगेती हरी मटर बुवाई का सही तरीका
  1. छिटकाव (ब्रॉडकास्टिंग): बीज को पूरे खेत में छिटककर हल्का पाटा लगाएं।
  2. मेड पर बुवाई: गाजर-मूली की तरह मशीन से मेड बनाकर बुवाई करें।
  3. सीड ड्रिल: सबसे अच्छी विधि। गेहूं-सरसों की तरह सीड ड्रिल से बुवाई करें, ताकि बीज समान दूरी पर लगे।

खरपतवार नियंत्रण

बुवाई के तुरंत बाद पेंडिमेथालिन (1 लीटर प्रति एकड़) का छिड़काव करें। ये प्री-इमर्जेंस हर्बिसाइड खरपतवार के बीजों को जर्मिनेट होने से रोकेगा।

सिंचाई और देखभाल

  • पहली सिंचाई: बुवाई से पहले खेत में नमी होनी चाहिए। अगर नहीं है, तो पलेवा करें। बुवाई के बाद खुली सिंचाई न करें, वरना खरपतवार बढ़ेंगे।
  • 15-20 दिन बाद: फसल जब 15-20 दिन की हो, NPK 19:19:19 का छिड़काव करें। इसमें एजोस्ट्रोबिन + डिफेनोकोनाजोल (सिंजेंटा एमस्टार टॉप) मिलाएं। ये पोषक तत्वों की कमी पूरी करेगा और उखड़ा रोग से बचाएगा।
  • 25-30 दिन बाद: अगर खेत सूख रहा हो और पौधे मुरझा रहे हों, तो स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें। इसके साथ:
  • यूरिया: 20-25 किलो प्रति एकड़।
  • जिंक: 5-7 किलो प्रति एकड़।
  • कार्बेंडाजिम + मैनकोजेब: आधा किलो प्रति एकड़।
    ये मिश्रण जड़ों तक पहुंचकर फंगस और पोषक तत्वों की कमी दूर करेगा।
  • 45 दिन पर (फूल आने पर): NPK 13:0:45 का छिड़काव करें।
  • फलियां बनते समय: NPK 0:52:34 का छिड़काव करें।

उखड़ा रोग से बचाव

उखड़ा रोग अगेती मटर का सबसे बड़ा दुश्मन है। इसे रोकने के लिए:

  • बीज उपचार जरूरी है (ऊपर बताया गया)।
  • बुवाई से पहले खेत में पर्याप्त नमी और ऑर्गेनिक खाद डालें।
  • 15-20 दिन पर NPK और फंगीसाइड का छिड़काव करें।
  • सही समय पर बुवाई करें, ताकि तापमान ज्यादा न हो।
अगेती हरी मटर FAQs

अगेती हरी मटर FAQs

1. अगेती मटर की बुवाई यूपी में कब करें?
20 सितंबर से 10 अक्टूबर, जब तापमान 28-30 डिग्री हो।
2. कौन सी वैरायटी बेस्ट है?
UPL एडवांटा GS-10 सबसे लोकप्रिय है। AP-3, आजाद-3, या स्थानीय वैरायटी भी चुन सकते हैं।
3. उखड़ा रोग से कैसे बचें?
बीज उपचार (कास्केड या कार्बेंडाजिम), खेत में नमी, और समय पर फंगीसाइड छिड़काव करें।
4. कितना बीज चाहिए?
40-45 किलो प्रति एकड़। सख्त मिट्टी में 70 किलो तक।
5. कितनी कमाई हो सकती है?
सही देखभाल से 1-3 लाख रुपये प्रति एकड़।

अभी शुरू करें – मोटा मुनाफा कमाएं!

यूपी के किसान भाइयों, अगेती मटर की खेती शुरू करने का ये सही समय है! सितंबर-अक्टूबर में बुवाई करें, अच्छे बीज और सही देखभाल के साथ 55-60 दिन में मंडी में तगड़ा भाव पाएं। अपने गाँव के किसानों को भी बताएं, ताकि सब मुनाफा कमा सकें। कोई सवाल हो, तो कमेंट करें। चलिए, अगेती मटर से खेती को चमकाएं! 🌱💰

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