धान की बालियां निकलते समय सबसे पावरफुल स्प्रे! 50 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन के लिए बेस्ट टिप्स

धान की बालियां निकलते समय सबसे पावरफुल स्प्रे! 50 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन के लिए बेस्ट टिप्स

फसल संरक्षण टिप्स

नमस्कार किसान भाइयों! धान की फसल में बालियां निकलने का समय सबसे नाजुक होता है। इक्का-दुक्का बालियां दिखने लगें, तो कीट-रोगों का खतरा बढ़ जाता है। गलत स्प्रे या देरी से पैदावार 10-15% तक गिर सकती है। लेकिन चिंता मत कीजिए! आज हम बताएंगे सबसे असरदार स्प्रे, जो एक ही छिड़काव में कीट-रोग कंट्रोल कर फसल को स्वस्थ रखेगा। साथ ही, 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन बढ़ाने के आसान उपाय भी। ये टिप्स एक्सपर्ट सलाह और रिसर्च पर आधारित हैं – अपनाकर देखिए, फसल लहलहाएगी!

बालियां निकलते समय क्यों जरूरी है सही स्प्रे?

धान की गबोट अवस्था (booting stage) में फसल सबसे संवेदनशील होती है। यहां 4-5% बालियां निकल आएं, तो स्प्रे करें। इससे पहले या बाद में करने से फायदा कम। मुख्य खतरे:

  • कीट: तना छेदक (सफेद बालियां बनाता है), गंधी बग (दाने सफेद कर देता है), बीपीएच (फसल 8-10 दिन में सूखा देता है), पत्ता लपेटक।
  • रोग: हल्दी गांठ (कंडुआ), ब्लास्ट (पत्तियां सुखा देता है), झुलसा (काली बालियां)।

स्प्रे के टिप्स:

  • मौसम साफ हो, फसल में नमी रहे।
  • 150-200 लीटर पानी/एकड़ में मिलाकर छिड़कें।
  • शाम को स्प्रे करें, सुबह पानी निकालें।

सबसे पावरफुल स्प्रे: एक ही मिश्रण से सब कंट्रोल!

मार्केट में कई दवाएं हैं, लेकिन ये दो कॉम्बिनेशन सबसे हिट हैं। फंगीसाइड (रोग के लिए) + कीटनाशक (कीट के लिए) मिलाकर इस्तेमाल करें। मात्रा प्रति एकड़:

1. टॉप कॉम्बो: प्रोपिकोनाजोल + क्लोरपाइरीफॉस (हल्दी रोग और कीटों का दुश्मन)

  • फंगीसाइड: प्रोपिकोनाजोल 25% EC (Tilt या Bumper) – 250 ml। (हल्दी गांठ, ब्लास्ट रोकता है, दाने चमकदार बनाता है।)
  • कीटनाशक: क्लोरपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% EC – 250-350 ml। (तना छेदक, गंधी बग, बीपीएच खत्म।)
  • कैसे लगाएं? अच्छे से मिलाकर स्प्रे करें। 7-10 दिन बाद दोबारा अगर जरूरी हो।
  • फायदा: बालियां मजबूत, दाने भारी – 10-15% ज्यादा पैदावार।

2. जैविक पावर स्प्रे: नीम तेल + नींबू घोल (सस्ता और सुरक्षित)

  • नीम तेल 5%: 200-300 ml + शैंपू 50 ml (कीट भगाने के लिए)।
  • नींबू घोल: 10-15 नींबू का रस + 200 लीटर पानी। (सिट्रिक एसिड से दाने चमकते हैं, वजन बढ़ता है।)
  • कैसे लगाएं? दोपहर में छिड़कें, पत्तियां-बालियां पूरी भिगो दें।
  • फायदा: कीट दूर, फसल ऑर्गेनिक – बाजार में बेहतर दाम।

अगर रोग ज्यादा हो, तो कार्बेन्डाजिम 50% WP (15-20 ग्राम/15 लीटर पानी) ब्लास्ट के लिए ट्राई करें। हमेशा लोकल एक्सपर्ट से डोज चेक करें।

50 क्विंटल/हेक्टेयर उत्पादन: ये 5 स्टेप्स अपनाएं!

पारंपरिक तरीके से 20-25 क्विंटल मिलता है, लेकिन SRI (System of Rice Intensification) विधि से 50 तक आसानी से! पानी 40% कम, पैदावार दोगुनी।

  1. बीज चयन: उन्नत किस्में जैसे NDR 359 या CSR-10 चुनें (50-55 क्विंटल/हेक्टेयर)। बीज दर: 6-8 किलो/हेक्टेयर।
  2. रोपाई: 8-12 दिन के पौधे 25×25 cm दूरी पर रोपें। ज्यादा कल्ले निकलेंगे।
  3. खाद: 5-10 टन गोबर खाद + 100 किलो यूरिया/हेक्टेयर। नाइट्रोजन स्प्रे बाली से पहले ही करें, बाद में न करें (कीट आकर्षित होते हैं)।
  4. सिंचाई: हल्की – 3-5 cm पानी रखें, ज्यादा न भरें। शाम को दें, सुबह निकालें।
  5. कीट-रोग चेक: ऊपर बताए स्प्रे समय पर। जिबरेलिक एसिड स्प्रे से फुटाव बढ़ाएं (20% ज्यादा उपज)।

SRI से 35-50 क्विंटल आसानी से! ट्रायल में 12-14 टन/हेक्टेयर तक रिकॉर्ड बना।

आखिरी टिप: फसल बचाएं, मुनाफा कमाएं

किसान भाइयों, बालियां निकलते समय सतर्क रहें – एक स्प्रे से फसल सुरक्षित, 50 क्विंटल का सपना साकार। अगर लोकल समस्या हो, तो कृषि केंद्र जाएं। ये टिप्स अपनाकर शेयर करें, दूसरे किसानों को भी फायदा हो। जय जवान, जय किसान! कोई सवाल? कमेंट करें।

(डिस्क्लेमर: दवाओं का इस्तेमाल एक्सपर्ट सलाह से करें। मौसम के हिसाब से बदलाव संभव।)

स्रोत: YouTube वीडियो से प्रेरणा

ये टिप्स मुख्य रूप से MS Technical Kheti YouTube चैनल के वीडियो से लिए गए हैं, जहां महिपाल सिंह जी ने धान की बालियां निकलते समय स्प्रे (जैसे Azoxystrobin + Difenoconazole और Propiconazole कॉम्बो) पर विस्तार से चर्चा की है। चैनल लिंक: MS Technical Kheti

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